


विदेश में पढ़ाई भारतीय छात्रों के बीच कितनी पॉपुलर है, इस बात का अंदाजा यूं लगाया जा सकता है कि 13 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स भारत से बाहर पढ़ रहे हैं। हायर एजुकेशन के लिए सबसे पसंदीदा देश कनाडा है, जहां चार लाख से ज्यादा भारतीय हैं। इसके बाद अमेरिका का नंबर आता है, जहां तीन लाख से ज्यादा भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी जैसे देशों में भी भारतीयों की बड़ी आबादी पढ़ाई कर रही है, जो लगातार बढ़ भी रही है।
विदेश में पढ़ाई करना बिल्कुल भी आसान नहीं है, जिसकी मुख्य वजह यहां होने वाला खर्च है। अमूमन एक छात्र विदेश में पढ़ने के लिए सालाना 10 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक खर्च कर देता है। अमेरिका, कनाडा जैसे देशों में तो पढ़ाई का खर्च एक करोड़ रुपये के पार भी पहुंच जाता है। ऐसे में छात्र सिर्फ एक रास्ते से ही खर्च कम कर सकते हैं। यहां जिस रास्ते की बात हो रही है, वो स्कॉलरशिप है, जिससे पढ़ाई का खर्च तो कम होता है। कई बार रहने-खाने के लिए भी पैसे मिल जाते हैं।
कहां से मिलती है स्कॉलरशिप?
विदेश में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप देने वाले संस्थानों की लिस्ट लंबी है। सबसे पहले आपको उस यूनिवर्सिटी से स्कॉलरशिप मिल सकती है, जहां आप पढ़ने जा रहे हैं। कई बार कुछ देश विदेशी छात्रों को पढ़ने के लिए ग्रांट और स्कॉलरशिप देते हैं। इसी तरह से आगा खां फाउंडेशन से लेकर टाटा फाउंडेशन तक से आपको स्कॉलरशिप मिल जाएगी। हालांकि, स्कॉलरशिप पाने के लिए प्रोफाइल मजबूत बनाना जरूरी होता है।